#Blog

आचार्य लोकेशजी की अध्यक्षता, श्री श्री रवि शंकर जी एवं मोरारी बापू जी के मार्गदर्शन में हुआ विश्व शांति सदभावना के लिए संतों की राष्ट्रीय समिति का गठन

विश्व शांति केंद्र के उदघाटन के अवसर पर शांति व सद्भावना स्थापित करने के लिए संतों की राष्ट्रीय समिति के गठन की पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने की विधिवत घोषणा की

अहिंसा विश्व भारती द्वारा नव निर्मित विश्व शांति केंद्र के उदघाटन समारोह के अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की उपस्थिती में विश्व में शांति व सदभावना की स्थापना करने के लिए संतों की राष्ट्रीय समिति गठन करने का निर्णय लिया गया | प्रख्यात कथावाचक श्री मोरारी बापू जी ने यह प्रस्ताव रखा कि विश्व शांति व सदभावना के लिए अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश जी की अध्यक्षता में संतों की राष्ट्रीय समिति का गठन किया जाए जिसका अनुमोदन आर्ट ऑफ लिविंग से संस्थापक श्री श्री रवि शंकर जी ने किया | श्री बापू ने कहा कि कमेटी विश्व शांति के साथ भारत में गृह शांति व सदभावना के लिए भी कार्यरत रहेगी | श्री श्री रवि शंकर जी ने प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुये कहा कि विश्व शांतिदूत आचार्य लोकेश जी इस समिति की अध्यक्षता करने के लिए उपयुक्त संत हैं | उन्होने कहा जहां भी युद्ध हो रहा हो, जहां भी संघर्ष रहा हो यह कमेटी तुरंत उनके बीच जाकर वार्ता कराये, इस कमेटी के गठन मे विलंब न हीं होना चाहिए| आचार्यश्री लोकेश जी ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुये कहा कि श्री मोरारी बापू जी एवं श्री श्री रवि शंकर जी के मार्गदर्शन में कमेटी में भारत के विभिन्न संतों को इस समिति में शामिल किया जाएगा, मैं तो एक गिलहरी की तरह इसमे अपना योगदान दूंगा | हरियाणा की धरती से गीता का उपदेश प्रसारित हुआ था अब बापू जी के मार्गदर्शन में यहा से विश्व शांति और सदभावना का संदेश जाएगा | उन्होने कहा एक मार्गदर्शन मण्डल बनाया जाए जिसके पहले सदस्य श्री श्री और बापू होंगे और दोनों शीर्ष धर्मगुरु विभिन्न धर्मों के शीर्ष संतों को कमेटी से जोड़ेंगे | पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने आचार्य लोकेश जी की अध्यक्षता, श्री श्री रवि शंकर जी एवं श्री मोरारी बापू जी के मार्गदर्शन में समिति की विधिवत घोषणा की | हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी सहित भारी संख्या में उपस्थित जनसमूह ने इस प्रस्ताव का तालियों की गड़गड़ाहट से स्वगात किया |

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *