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जैन आचार्य लोकेशजी और केंद्रीय मंत्री जाधवजी ने योग-नेचुरोपैथी राष्ट्रीय सभा को संबोधित किया।

आयुष मंत्रालय योग और नेचुरोपैथी के प्रचार के लिए सतत प्रयास कर रहा है – आयुष मंत्री जाधवजी।

रोज़मर्रा की जीवनशैली में योग और नेचुरोपैथी को शामिल करना आवश्यक है – आचार्य लोकेशजी।

आयुष मंत्रालय को केंद्रीय स्तर पर योग और नेचुरोपैथी को विशेष दर्जा देना चाहिए – डॉ. अनंत बिरादर।

केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव जाधवजी, अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य लोकेशजी ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन की राष्ट्रीय बैठक को संबोधित किया। INO और सूर्य फाउंडेशन के मार्गदर्शन में आयोजित ‘योग एंड नेचुरोपैथी सेंट्रल रेग्युलेशन’ में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय पासवान, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री फग्गनसिंह कुलस्ते, सांसद श्रीमती स्मिता वाघ स्मिता वाला, सांसद शंकर लालवानी, सांसद भोलासिंह, सांसद नीरज झिम्बा, सांसद रमेश अवस्थी, आयुष सचिव राजेश कोटेचा, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के डायरेक्टर डॉ. काशीनाथ समगंधी, डॉ. राघवेन्द्र राव सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।

केंद्रीय मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि आयुष मंत्रालय पिछले कई दशकों से योग और नेचुरोपैथी को सामान्य लोगों तक पहुँचाने का सतत प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में योग और भारतीय चिकित्सा प्रणाली दुनियाभर के लोगों तक पहुँच रही है। इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन द्वारा इस बैठक में जो सुझाव दिए गए हैं, उन पर निश्चित रूप से विचार किया जाएगा।

विश्व शांति दूत आचार्य लोकेशजी ने इस अवसर पर कहा कि ध्यान और योग के नियमित अभ्यास से व्यक्ति स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकता है। योग से शरीर, मन और बुद्धि सभी स्वस्थ रहते हैं। वर्तमान में विश्व ने योग की भारतीय परंपरा को अपनाया है। रोजमर्रा के जीवन में नेचुरोपैथी को अपनाने की आवश्यकता है।

इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादर ने बैठक में योग-नेचुरोपैथी से संबंधित केंद्रीय नियमों जैसे राष्ट्रीय आयुष मिशन, योग और नेचुरोपैथी डॉक्टरों की मान्यता, आयुष्मान भारत और CGHS में नेचुरोपैथी उपचार की उपलब्धि आदि के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम की शुरुआत नेचुरोपैथी गीत से की गई, इसके बाद योग और नेचुरोपैथी की यात्रा पर फिल्म दिखाई गई। स्वागत भाषण डी.एन. शर्मा जी ने दिया, कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।

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