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डॉग्स इंसानों के दोस्त, उनके साथ करें अच्छा व्यवहारः HC

कोर्ट ने कहा, नसबंदी समस्या का कोई समाधान नहीं है

जस्टिस पुष्करणा ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि डॉग्स की सुरक्षा हो और उन्हें सम्मान दिया जाए

कोर्ट ने कहा कि इंसान और डॉग्स दोनों ही पीड़ित हैं, न तो इंसान सुरक्षित हैं और न ही डॉग्स, वे बेहद प्यारे जानवर हैं

जहां एक तरफ सुप्रीम कोर्ट आवारा डॉग्स के बढ़ते हमलों को लेकर अपनी चिंता जता रहा है, वहीं दिल्ली हाई कोर्ट का मानना है कि डॉग्स इंसानों के अच्छे दोस्त होते हैं, उनके साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए। यह टिप्पणी बुधवार को जस्टिस मिनी पुष्करणा की कोर्ट से आई, जिन्होंने अधिकारियों से राजधानी में डॉग्स और इंसानों के बीच संघर्ष को कम से कम करने के लिए कदम उठाने को कहा। अधिकारियों और बाकी संबंधित पक्षों को आवारा डॉग्स के पुनर्वास के संबंध में सुझाव देने हैं। डॉग्स के साथ अच्छे व्यवहार की वकालत करते हुए जस्टिस पुष्करणा ने कहा कि डॉग्स दुनिया के सबसे प्यारे जानवर हैं और इंसानों के बहुत अच्छे दोस्त हैं। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि डॉग्स की सुरक्षा हो और उन्हें सम्मान दिया जाए। कोर्ट ने कहा, “डॉग्स भले ही घर पर हों या शेल्टर में । सड़कों पर कचरा खाते हुए नहीं मिलने चाहिएं। इंसान और डॉग्स दोनों ही पीड़ित हैं। न तो इंसान सुरक्षित हैं और न ही डॉग्स । डॉग्स प्यारे जानवर हैं। यह बताने पर कि लगभग 70 प्रतिशत डॉग्स की नसबंदी से समस्या का समाधान हो जाएगा, कोर्ट बोला कि प्रस्तावित समाधान पिछले तीन दशकों से लंबित है, लेकिन कुछ नहीं बदला। नसबंदी बिल्कुल भी काम नहीं कर रही है। यह कोई समाधान नहीं है। कोर्ट ने इस पर भी गौर किया कि लगभग 200 डॉग्स, जिन्हें पहले एक शेल्टर होम में भेजा गया था, अब सड़क पर छोड़े जाने वाले हैं क्योंकि एमसीडी द्वारा अस्थायी शेल्टर होम को तोड़ दिया जाएगा। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की ओर से जो बैठक बुलाई गई थी, उसमें केवल डॉग्स की नसबंदी का प्रस्ताव ही आया था। हाईकोर्ट ने कहा कि पशु जन्म नियंत्रण केंद्र काम नहीं कर रहे हैं और 78 पशु चिकित्सालय बंद पड़े हैं। मामले में आगे की सुनवाई 17 सितंबर को होगी ।

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