गौ माता के प्रति जागरूकता लाने के लिए 15 जून से “गौ राष्ट्र यात्रा”।

ऋषिकेश से रामेश्वरम् तक यात्रा आयोजित की जाएगी।
ऐतिहासिक “गौ राष्ट्र यात्रा” का भव्य शुभारंभ 15 जून 2025 को पवित्र ऋषिकेश से होने जा रहा है, जिसकी विशेष पूर्णाहुति रामेश्वरम में होगी। यह यात्रा देश के 12 राज्यों से गुजरते हुए लगभग 10,127 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और लगभग 60 से 75 दिनों तक चलेगी। गौ राष्ट्र यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत के ग्रामीण हृदय में गौ आधारित स्वराज्य और समृद्धि की चेतना को पुनर्जीवित करना है। आज के भौतिकवादी युग में जब हम आधुनिकता की ओर दौड़ रहे हैं, तब हम अपनी संस्कृति के मूल तत्व – गौमाता की सेवा के सिद्धांतों – से दूर होते जा रहे हैं। गाय केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि भारत के गांवों के लिए आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक समृद्धि का भी प्रतीक रही है। आज के समय में किसानों की खेती-बाड़ी की समस्याएं, रोजगार की कमी, जल संकट और सांस्कृतिक क्षरण जैसे कई प्रश्न सामने आ रहे हैं, जिनकी जड़ में गौ माता के प्रति उपेक्षा है। “गौ राष्ट्र यात्रा” इस चेतना को जगाने का एक महत्वाकांक्षी प्रयास है। गौ राष्ट्र यात्रा के दौरान देशभर में विभिन्न स्थानों पर गौ शिविर, सेमिनार, संवाद और जनजागृति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें वैज्ञानिकों, किसानों, योगाचार्यों, पर्यावरणविदों और गुरुओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। यात्रा में सम्मिलित श्रद्धालु और सेवक योग, आहार शैली और स्वच्छता के संदेश के साथ-साथ “गौ आधारित जीवनशैली” को अपनाने का संकल्प लेंगे। गौ राष्ट्र यात्रा के माध्यम से देश के नागरिकों में गाय आधारित जीवनशैली, जैविक खेती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, गौ आधारित स्टार्टअप्स और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे विषयों पर व्यापक जागरूकता फैलाने का लक्ष्य रखा गया है। गाय आधारित व्यवस्था के माध्यम से गांव आत्मनिर्भर बनें, रासायनिक खादों का विकल्प जैविक तरीकों से विकसित हो, गौ उत्पादनों के क्षेत्र में युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर बनें – इसके लिए यह यात्रा प्रेरणास्त्रोत बनेगी। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भी गाय का महत्व जनमानस को समझाया जाएगा। यह यात्रा केवल धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भारत के पुनर्निर्माण के लिए एक सशक्त मार्ग है। शास्त्रों में भी कहा गया है “गोभिस्तुष्टो भवेत् तुष्टो, गोभिस्तुष्टो भवेत् पिता।, गोभिस्तुष्टा भवेत् सर्वा देवता यज्ञभागिनः॥” अर्थात्, गौमाता की सेवा से देवता प्रसन्न होते हैं और समृद्धि प्राप्त होती है। गौमाता के आशीर्वाद से यह यात्रा गांव-गांव तक पहुंचकर पोषण, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक शांति का मार्गदर्शन करेगी। इस यात्रा को आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोणों से देखा जा सकता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है। गाय को पुष्ट करना समस्त जगत की समृद्धि के लिए कार्य करने के समान है। इस महायात्रा के माध्यम से पूरे देश में गौ प्रेम, गौ रक्षा और गौ आधारित विकास के लिए एक नए युग का आरंभ होगा। ऐसा पवित्र संकल्प लेकर यह “गौ राष्ट्र यात्रा” निकाली जा रही है। भारत सिंह राजपुरोहितजी ने इस यात्रा में शामिल होने की अपील की है।
भारत सिंह राजपुरोहितजी मोबाइल : 9772923956, ईमेल : gousevaa@gmail.com,
वेबसाइट : www.gaurashtrayatra.com