#Blog

GCCI द्वारा श्रीजी गौशाला एवं किसान गौशाला के संयुक्त उपक्रम से “काउ हग डे” महोत्सव का आयोजन

“काउ हग डे” की दिव्य अनुभूति: गौमाता को आलिंगन कर प्रेम, करुणा और संस्कृति के प्रति अतुट श्रद्धा का संदेश
“गौ प्रेम का संदेश” – प्रेम केवल मानव के लिए ही नहीं, बल्कि प्रकृति और गौमाता की सेवा भी प्रेम का प्रतिक है ! – डॉ. वल्लभभाई कथीरिया
14 फरवरी को प्रेम एवं करुणा का सच्चा अर्थ देकर इसे नई दिशा दें – गौमाता के साथ पवित्र बंधन को और मजबूत करें !

ग्लोबल कॉन्फेडरेशन ऑफ काउ बेस्ड इंडस्ट्रीज (GCCI) द्वारा श्रीजी गौशाला एवं किसान गौशाला के संयुक्त तत्वावधान में 14 फरवरी 2025 को श्रीजी गौशाला एवं किशान गौशाला केम्पस में “काउ हग डे” (Cow Hug Day) का विशेष महोत्सव का आयोजन किया गया है । इस पावन दिवस पर गौमाता को हृदय से आलिंगन कर गौ-प्रेम और भारतीय संस्कृति के प्रति हमारी अतुट श्रद्धा को अभिव्यक्त किया जाएगा।
भारतीय संस्कृति में गौमाता केवल एक प्राणी नहीं है, बल्कि वह हमारे धर्म, संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण आधार हैं। सदियों से गौसेवा को अत्यंत पवित्र माना गया है, और गौ के प्रति और करुणा को प्रकट करने हेतु 14 फरवरी को “काउ हग डे” के रूप में मनाने की यह परंपरा गौभक्तों के लिए एक प्रेरणादायक संकल्प बन रही है ।
आज, जब पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में युवा पीढ़ी प्रेम और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए नए-नए तरीके खोज रही है, तब गौ-प्रेम का संदेश फैलाने का यह एक श्रेष्ठ अवसर है। प्रेम का सच्चा अर्थ केवल मानवीय संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रकृति, पशु-पक्षियों और विशेष रूप से गौमाता से भावनात्मक संबंध बनाए रखने में भी निहित है ।
गौमाता केवल धार्मिक प्रतीक ही नहीं हैं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी पर्यावरण, कृषि और स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम संरक्षक हैं। गौमूत्र और गोबर का उपयोग जैविक खेती और विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में किया जाता है। पंचगव्य से निर्मित आयुर्वेदिक उत्पाद और जीवामृत जैसे उत्पाद न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अत्यंत कल्याणकारी सिद्ध होते हैं।
“गौ प्रेम और करुणा का संदेश” यह दर्शाता है कि प्रेम केवल मनुष्यों तक सीमित नहीं, बल्कि प्रकृति और गौमाता की सेवा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। इस “काउ हग डे” के पावन अवसर पर हम सब गौमाता को प्रेमपूर्वक हृदय से लगाकर गौसेवा और पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ आगे बढ़ें। यह स्नेहपूर्ण क्षण अमृतमय अनुभूति लाएगा और हमारी संस्कृति के प्रति प्रेम को और अधिक सशक्त बनाएगा।
GCCI, श्रीजी गौशाला और किसान गौशाला द्वारा राजकोट एवं संपूर्ण भारतवासियों से अपील की जाती है कि अपने अपने स्थान या नजदीकी गौ शालामे “ काऊ हग डे” मानकर इस पवित्र कार्य में सहभागी बनें और मिलकर गौमाता के साथ एकता, प्रेम और संस्कृति का दिव्य पावन योग बनाएं!
अधिक जानकारी के लिए, GCCI के महासचिव श्री मित्तलभाई खेताणी और तेजस चोटलिया मो. 94269 18900 मीनाक्षी शर्मा मो. 83739 09295 से संपर्क करने के लिए कहा गया है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *