‘गौ राष्ट्र यात्रा’ रानी, पाली पहुँची: श्री भारत सिंह राजपुरोहित नेकिसानों की आय वृद्धि और गौशालाओं की आत्मनिर्भरता पर दिया विशेष बल

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जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWRI) के अध्यक्ष श्री भारत सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ आज राजस्थान के पाली जिले स्थित राधे कृष्णा गौशाला सेवा समिति, रानी कल्ला पहुँची। यात्रा टीम का स्थानीय गौभक्तों और समाजसेवियों द्वारा अत्यंत गर्मजोशी और सम्मान के साथ भव्य स्वागत किया गया, जिसने पूरे वातावरण को गौ-सेवा के संकल्प से ओतप्रोत कर दिया। यह पड़ाव देसी गौवंश के संरक्षण और गौ-आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किसानों और गौशालाओं के लिए आत्मनिर्भरता का मंत्र कार्यक्रम में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए AWRI अध्यक्ष श्री भारत सिंह राजपुरोहित ने गौमाता के आर्थिक और सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि कैसे देसी गौवंश के उचित प्रबंधन और गौ-आधारित कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है। राजपुरोहित जी ने विस्तार से समझाया कि गौपालन को केवल एक पारंपरिक प्रथा के रूप में नहीं, बल्कि एक सशक्त और लाभदायक आर्थिक मॉडल के रूप में देखा जाना चाहिए, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी बन सकता है। उन्होंने प्रदेश और देश भर की गौशालाओं के लिए आत्मनिर्भरता का एक स्पष्ट मार्ग भी सुझाया। उन्होंने बताया कि गौशालाएँ केवल गौवंश के आश्रय स्थल न रहें, बल्कि वे गाय के गोबर, गौमूत्र और अन्य गौ-उत्पादों के निर्माण का केंद्र बनें। इन उत्पादों, जैसे जैविक खाद, कीटनाशक, औषधियाँ, और विभिन्न दैनिक उपयोग की वस्तुएँ बनाकर गौशालाएँ न केवल अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं, बल्कि अच्छा मुनाफ़ा भी कमा सकती हैं, जिससे गौ संरक्षण का कार्य वित्तीय रूप से टिकाऊ और आत्म-निर्भर हो सकेगा। यात्रा मार्ग में मिला व्यापक जनसमर्थन राधे कृष्णा गौशाला सेवा समिति पहुँचने से पहले भी ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ की टीम का पूरे मार्ग में कई स्थानों पर स्थानीय समुदायों द्वारा अभूतपूर्व स्वागत और सत्कार किया गया। हर गाँव और कस्बे में लोगों ने उत्साह के साथ यात्रा का अभिनंदन किया। इस दौरान अनेक प्रमुख हस्तियाँ और गौभक्त यात्रा के समर्थन में उपस्थित रहे: रोहट: श्री ललित पालीवाल; पाली-पुनाडिया: श्री ज्वाला माता, श्री जितानंदजी महाराज, श्री यशपाल सिंह जी पुनाडिया; रानी (राधे कृष्णा गौशाला): श्री भरत जी राठौड़ (अध्यक्ष, रानी नगरपालिका), श्री हरीश जी सोनी, श्री शेषाराम जी घाची (अध्यक्ष, गौशाला), संरक्षक श्री भरत जी धनरेचा, श्री रंगराज जी, श्री श्रवण सिंह जी महेचा, श्री धर्मेंद्र सिंह जी, श्री रमेश गहलोत, श्री बजरंग जी हुरकट, श्री कमल जी गोयल, श्री गिरधारी सिंह पीलवा; नदी गौशाला: श्री शैतान सिंह आउवा, श्री पीयूष शर्मा, श्री श्रवण सिंह धुरासनी। इन सभी गणमान्य व्यक्तियों और हजारों गौभक्तों की उपस्थिति ने ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ के प्रति जन-समर्थन की गहराई और व्यापकता को दर्शाया। यह यात्रा देसी गौवंश के संरक्षण और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के अपने लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर है, और हर पड़ाव पर यह संकल्प और भी दृढ़ होता जा रहा है। जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWRI) एक अग्रणी संस्था है जो जीव-जंतु कल्याण और कृषि शोध के क्षेत्र में कार्य करती है। यह देसी नस्लों के संरक्षण, जैविक खेती के प्रचार और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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