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1 से 7 सितम्बर राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अवसर पर गौ-आधारित कृषि और जैविक आहार के महत्व पर जोर देते हुए ग्लोबल कन्फेडरेशन ऑफ काउ-बेस्ड इंडस्ट्रीज़ (GCCI)।

1 से 7 सितम्बर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर ग्लोबल कन्फेडरेशन ऑफ काउ-बेस्ड इंडस्ट्रीज़ (GCCI) ने स्वस्थ और सतत भविष्य के निर्माण हेतु समाज से जैविक आहार अपनाने एवं किसानों को गौ-आधारित कृषि अपनाने की अपील की है ।

पौष्टिक आहार रासायणीक खादो से उगाई गई फसलों से नहीं, बल्कि गौ-आधारित जैविक कृषि / प्राकृतिक कृषि द्वारा उत्पादित अन्न से प्राप्त होता है। गाय का गोबर और गोमूत्र प्राकृतिक खाद के रूप में भूमि को समृद्ध बनाते हैं, उसकी उर्वरक क्षमता बढ़ाते हैं और रासायणीक खाद एवं जहरीली दवाओं के दुष्प्रभावों को दूर करते हैं। इस पद्धति से उगाया गया आहार स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और सम्पूर्ण स्वास्थ्य को मजबूत करता है।
“गौ प्राकृतिक कृषि का आधार है। गाय के उपयोग से भूमि अधिक स्वस्थ बनती है, पर्यावरण शुद्ध रहता है और हमें शुद्ध, रसायन-मुक्त आहार प्राप्त होता है। गौ-आधारित कृषि को प्रोत्साहित करना केवल हमारी परम्परा के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य और सम्पूर्ण विश्व के कल्याण के लिए भी आवश्यक है।”

पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, गौ-आधारित कृषि से उत्पन्न जैविक आहार में एंटीऑक्सीडेंट, आवश्यक खनिज और विटामिन अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इससे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होता है, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है और बच्चों व बुजुर्गों में प्राकृतिक रोग-प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है।

गौ-आधारित अर्थव्यवस्था किसानों, ग्रामीण उद्यमियों और महिलाओं के स्व-सहायता समूहों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करती है। गोबर से जैविक खाद, कीटनाशक, बायोगैस, पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद और प्राकृतिक औषधियाँ तैयार की जा सकती हैं, जो समाज और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी ऐसी गौ-आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करती हैं।

रासायणीक खाद और जहरीली दवाओं के अत्यधिक उपयोग से भूमि की उर्वरक क्षमता घट रही है, जल प्रदूषित हो रहा है और जैव विविधता में कमी आ रही है। दूसरी ओर, गौ-आधारित जैविक कृषि न केवल भूमि को पुनर्जीवित करती है, बल्कि जलवायु के अनुकूल कृषि पद्धतियों को भी प्रोत्साहित करती है।

इस राष्ट्रीय पोषण सप्ताह पर GCCI ने समाज के प्रत्येक नागरिक से दैनिक जीवन में जैविक आहार अपनाने, माता – पिताओ से अपने बच्चों के लिए रसायन-मुक्त पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने, किसानों से गौ-आधारित कृषि अपनाने और नीति-निर्माताओं से इस क्षेत्र में उद्योगों को प्रोत्साहन एवं सहयोग देने की अपील की है।

गौ-आधारित जैविक आहार अपनाकर हम न केवल स्वस्थ जीवन और श्रेष्ठ पोषण सुनिश्चित कर सकते हैं, बल्कि भारत की प्राचीन ज्ञान-परम्परा को संरक्षित कर सकते हैं, पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं और सम्पूर्ण विश्व के लिए एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत कर सकते हैं। जी.सी.सी.आई. के जनरल सेक्रेटरी श्री मित्तलभाई खेताणी एवं तेजस चोटलिया (मो. 94269 18900) ने बताया है।

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