“गौ राष्ट्र यात्रा” का जीसीसीआई और किशान गौशाला के संयुक्ततत्वावधान में राजकोट स्थित किशान गौशाला में भव्य स्वागत हुआ।

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गौ राष्ट्र यात्रा का नया पड़ाव: राजकोट का गौरवपूर्ण योगदान।

डॉ. वल्लभभाई कथीरिया और अन्य महानुभावों की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न।

भारतसिंह राजपुरोहित ने किसानों की आय वृद्धि और गौशालाओं की आत्मनिर्भरता पर दिया विशेष वक्तव्य।

दिनांक 20 जुलाई 2025 (रविवार) को “गौ राष्ट्र यात्रा” का आगमन राजकोट के किशान गौशाला आजी डेम के पास, रामवन के सामने, गोंडल बायपास रोड पर हुआ, जहाँ GCCI (ग्लोबल कन्फेडरेशन ऑफ काऊ बेस्ड इंडस्ट्रीज़) और किशान गौशाला द्वारा भारत सरकार के पूर्व मंत्री, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं GCCI के संस्थापक डॉ. वल्लभभाई कथीरिया एवं राजकोट की मेयर नयनाबेन पेढडीया की विशेष उपस्थिति में भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया। “गौ राष्ट्र यात्रा” का सफल नेतृत्व भारतसिंह राजपुरोहित (अध्यक्ष, पशु कल्याण एवं कृषि अनुसंधान संस्थान – AWARI), नरेंद्र कुमार (संस्थापक, हिंद राइज गौ संवर्धन आश्रम एवं राष्ट्रीय गौ सेवक संघ), और रोहित बिष्ट (संस्थापक, माटी इंडिया) द्वारा किया जा रहा है। इस अभियान में प्रमुख सहयोगी के रूप में हर्षदभाई गुगुलिया (संस्थापक, कामधेनु गौवेद) सहित पूरी टीम सक्रिय है। इस स्वागत समारोह में गौ माता, नंदी देव और भारत माता के जयघोष के साथ बड़ी संख्या में उपस्थित गणमान्यजनों, गौ सेवकों और किसान भाइयों-बहनों ने यात्रा का स्वागत किया। तत्पश्चात किशान गौशाला का भ्रमण किया गया, जहाँ उपस्थितजनों को गौसेवा की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी गई। साथ ही वहाँ निर्मित हो रहे ऑर्गेनिक दानेदार खाद यूनिट का निरीक्षण भी किया गया। इस अवसर पर आयोजित सभा में उपस्थित अतिथियों एवं गणमान्यजनों जैसे राजकोट की मेयर नयनाबेन पेढडीया, डॉ. वल्लभभाई कथीरिया, चंद्रेशभाई पटेल – किशान गौशाला, रमेशभाई रूपारेलिया – गीर गौ जतन संस्थान (गोंडल), आरएसएस कच्छ के गौ सेवा प्रतिनिधि श्री मेघजीभाई हीराणी, कांतीभाई भूत – सहजानंद गौशाला, रमेशभाई ठक्कर – श्रीजी गौशाला, धीरेन्द्र कानाबार – सद्भावना बैल आश्रम, और उद्योगपति एवं गौ सेवक हिरेनभाई हापलिया ने “गौ राष्ट्र यात्रा” पर अपने विचार प्रस्तुत किए। डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने “गौ राष्ट्र यात्रा” के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह यात्रा केवल एक धार्मिक या प्रतीकात्मक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक पुनर्जागरण की आधारशिला है। गौ माता भारतीय जीवन पद्धति की आत्मा हैं – वे न केवल हमारे आहार, कृषि और स्वास्थ्य का आधार हैं, बल्कि राष्ट्र की आत्मनिर्भरता, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास की प्रमुख कड़ी भी हैं। इस यात्रा के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि जब तक गौ माता का संरक्षण और संवर्धन नहीं होगा, तब तक भारत को पूर्णतः समृद्ध, संस्कारित और स्वस्थ राष्ट्र बनाना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि “गौ राष्ट्र यात्रा” एक आंदोलन है, जो देश के कोने-कोने तक गौ आधारित अर्थव्यवस्था, प्राकृतिक खेती, पंचगव्य चिकित्सा, गौचर विकास और गौ आधारित उद्योगों की पुनर्स्थापना के लिए प्रेरणा देती है। यह यात्रा भारत के गांवों, किसानों, युवाओं और महिलाओं को जोड़कर “ग्राम स्वराज्य” और “राष्ट्र स्वाभिमान” की भावना को मजबूत करती है। उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस पवित्र कार्य में सहभागी बनें और भारत को पुनः “गौ माता के चरणों में समर्पित राष्ट्र” बनाने का संकल्प लें। यह यात्रा केवल गौ सेवा नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का मार्ग है। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए AWARI के अध्यक्ष भारतसिंह राजपुरोहित ने किसानों और गौशालाओं के आत्मनिर्भर बनने पर बल दिया। उन्होंने गौ माता के आर्थिक और सामाजिक महत्व को रेखांकित किया और विशेष रूप से कहा कि देशी गौवंश का उचित प्रबंधन और गौ आधारित कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है। राजपुरोहित जी ने विस्तार से समझाया कि गौपालन को केवल परंपरागत गतिविधि न मानकर एक सशक्त और लाभदायक आर्थिक मॉडल के रूप में देखना चाहिए, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि गौशालाएं केवल गौवंश के आश्रयस्थल न रहें, बल्कि गौमूत्र, गोबर व अन्य गौ उत्पादों के निर्माण केंद्र बनें। ऐसे उत्पादों से गौशालाएं आयुर्वेदिक दवाएं, औद्योगिक इनपुट, कीटाणुनाशक, नैतिक उपयोग की वस्तुएं एवं जैविक खाद का निर्माण करके न केवल अपनी आर्थिक जरूरतें पूरी कर सकती हैं, बल्कि लाभ भी अर्जित कर सकती हैं, जिससे गौ संरक्षण का कार्य वित्तीय रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने यह भी बताया कि “गौ राष्ट्र यात्रा” उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों से गुजर चुकी है और अब गुजरात में प्रवेश कर चुकी है। इसके बाद यह यात्रा महाराष्ट्र, गोवा, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में जाएगी। यह यात्रा देशी गौवंश के संरक्षण और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के संकल्प को मजबूत करती जा रही है। “गौ राष्ट्र यात्रा” के इस स्वागत समारोह का संपूर्ण संचालन जीसीसीआई के जनरल सेक्रेटरी श्री मित्तल खेताणी द्वारा किया गया। इस अवसर पर जयंतिभाई तगड़िया, अरुणभाई निर्मल, राजुभाई बालक, जगदीशभाई हरियाणी, विनोदभाई काछड़िया, किशोरभाई वोरा, डी.डी. ठुमर, प्रवीणभाई परसाणा, नवनीतभाई अग्रवाल, मालदे खीरसीया, जिलेशभाई विसलोरिया, जगदीशभाई राबड़िया, मोनिषभाई पाडलिया, रविभाई वोरा, हसुभाई गेड़िया, अश्विनभाई सरधारा, विरलभाई पादरिया, सुरेशभाई अमीपारा, लवजीभाई, गंगारामभाई, दिनेशभाई पटेल, किरणबेन माकडिया, डिम्पलबेन खेताणी सहित अनेक गणमान्यजनों एवं गौभक्तों की उपस्थिति ने इस यात्रा के प्रति गहरी जनसमर्थन और व्यापकता को दर्शाया। “गौ राष्ट्र यात्रा” से संबंधित अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें – भारतसिंह राजपुरोहित (मो. 9772923956), रवि (मो. 9719763911) ई-मेल: gousevaa@gmail.com | वेबसाइट: www.gaurashtrayatra.com।

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