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जैन आचार्य लोकेश, युवाचार्य अमयदास, देवकीनंदन ठाकुरआदि संतों ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति हेतु भरी हुंकार

सभी सनातनियों का एकजुट होना अनेक समस्याओं का समाधान – आचार्य लोकेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अस्तित्व को स्थापित करना हमारा कर्तव्य – युवाचार्य अमयदास

अपने धर्म और संस्कृति के लिए जीवन समर्पित करना सनातन की पहचान – देवकीनंदन ठाकुर

अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व भूषण गौरव केंद्र के संरक्षक जैन आचार्य लोकेश, युवाचार्य अमयदास, देवकीनंदन ठाकुर, योगराज श्रीकृष्ण, और अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने राजस्थान के प्रतापगढ़ में आयोजित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति धर्मसभा में हुंकार भरी कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराकर ही रहेंगे। 22वीं धर्मसभा में अखिल भारतीय सनातन नरेश भाई ने भी हिस्सा लिया। योगराज श्रीकृष्ण जैन परंपरा में, श्रीकृष्ण को गीता के उपदेशक के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इस प्राचीन परंपरा को जीवित और सुरक्षित रखना भारतीय संतों का दायित्व है। उन्होंने कहा सभी सनातनियों का एक जुट होना ही अनेक समस्याओं का समाधान है। युवाचार्य अमयदास ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए धर्मयुद्ध छेड़ने का आह्वान किया और कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अस्तित्व को स्थापित करना हमारा कर्तव्य है, इसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के लिए आगे आएं। श्री देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातन धर्म सिर्फ हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख की विरासत और रक्षा संग नहीं है। अपने धर्म, संस्कृति और ईश्वर के लिए जीवन समर्पित करना ही सनातन धर्म की पहचान है। आचार्य लोकेश ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन को सफल बनाने के लिए जन जागृति बेहद जरूरी है, इसके लिए हर मंच को जनजागृति मंच बनाने के लिए जन जागृति तेजी से बढ़ाना आवश्यक है।

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