डॉ. वल्लभभाई कथीरिया और डॉ. अनामिक शाह की डॉ. अनिल गुप्ता के साथ गौ आधारित कृषि और भूमि पोषण पर गहन चर्चा

गौ आधारित कृषि और भूमि पोषण के लिए राष्ट्रीय अभियान की अत्यंत आवश्यकता: डॉ. अनिल गुप्ता
भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के पूर्व अध्यक्ष और GCCI के संस्थापक डॉ. वल्लभभाई कथीरिया, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के प्रायोजक, IIM अहमदाबाद के पूर्व निदेशक एवं सृष्टि संस्था के संस्थापक डॉ. अनिल गुप्ता, तथा राजकोट के केमिस्ट्री विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं गुजरात विद्यापीठ के पूर्व कुलपति डॉ. अनामिक शाह के साथ गौ आधारित कृषि और भूमि पोषण के महत्व पर एक विशेष बैठक हुई । यह बैठक सौहार्दपूर्ण एवं ऊर्जा से भरपूर वातावरण में हुई, जिसमें गौ आधारित कृषि और भूमि पोषण के क्षेत्र में व्यापक कार्य करने की आवश्यकता पर केंद्रित चर्चा हुई ।
डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान डॉ. अनिल गुप्ता ने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के हित में स्टार्टअप एवं शोध आधारित योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की। उन्होंने गौ आधारित कृषि, भूमि के स्वास्थ्य को सुधारने और सातत्यपूर्ण कृषि विकास के लिए देशव्यापी अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया । IIM अहमदाबाद और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन में उनके वर्षों का अनुभव और मार्गदर्शन इस अभियान के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
डॉ. अनामिक शाह ने भी अपने वैज्ञानिक शोध और कृषि क्षेत्र में किए गए अनुसंधान के आधार पर भूमि एवं पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत के लिए गौ आधारित कृषि आवश्यक है, जिससे गोबर और गौमूत्र के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता बनाए रखी जा सके। कृषि में लोक-हितैषी विधियों को अपनाकर मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए सामाजिक संगठनों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं एवं सरकार को मिलकर एक राष्ट्रीय अभियान चलाने की आवश्यकता है।
इस बैठक में कांताबेन कथीरिया और दिनेशभाई पटोलिया ने भी भाग लिया। सभी ने मिलकर कृषि, पर्यावरण और गौ-उद्योग आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए व्यापक अभियान चलाने का निर्णय लिया। यह अभियान भूमि के स्वास्थ्य, सातत्य पूर्ण कृषि और जन-स्वास्थ्य कल्याण के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा।