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अगर भागदौड़ ज़्यादा है… 10 मिनट कामिनी योग शरीर में स्फूर्ति लाएगा।

भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सिर्फ़ 10 मिनट का मिनी योग आपको नई ऊर्जा दे सकता है। आप इसे अपने रोज़मर्रा के कामों के बीच भी आसानी से कर सकते हैं। ये योगासन बेहद सरल हैं, जिन्हें कोई भी व्यक्ति, किसी भी उम्र में सरलता से कर सकता है। योग हमारे शरीर और मन में एक लय स्थापित करता है। यह आपके हृदय की धड़कन और ब्लड प्रेशर को संतुलित कर सकता है, साथ ही साँस की गति को धीमा करके मस्तिष्क को भी शांत करता है। इससे कार्यक्षमता में 15–20% तक की बढ़ोतरी हो सकती है — जिससे काम की गति भी बढ़ेगी और गुणवत्ता भी।

1) वज्रासन (1 मिनट)

विधि: घुटनों को मोड़कर एड़ी पर बैठ जाएं, पीठ सीधी रखें और हथेलियों को घुटनों पर रखें। अपना ध्यान सांस पर केंद्रित करें और आंखें बंद करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें।

फायदा: यह पाचन को सुधारता है, मन को शांत करता है और ध्यान की तैयारी के लिए उपयुक्त है।

2) अनुलोम-विलोम (2 मिनट)

विधि: दाहिने हाथ के अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से सांस लें। फिर बाईं नासिका को बंद करके दाहिनी से सांस छोड़ें। अब दाहिनी से सांस लें और बाईं से छोड़ें। इसी क्रम को दोहराते रहें।

फायदा: यह मानसिक संतुलन प्रदान करता है, गुस्सा, बेचैनी और घबराहट को शांत करता है।

3) बालासन (1 मिनट)

विधि: वज्रासन की स्थिति से आगे की ओर झुकें, माथा जमीन पर रखें और हाथों को सामने की ओर फैलाएं — बिल्कुल छोटे बच्चे की तरह।

फायदा: यह मुद्रा मानसिक शांति प्रदान करती है, रीढ़ की हड्डी को आराम देती है, तनाव दूर करती है और नींद की गुणवत्ता को सुधारती है।

4) भुजंगासन (1 मिनट)

विधि: पेट के बल लेट जाएं, हथेलियों को कंधों के नीचे रखें और सांस लेते हुए सिर व छाती को ऊपर उठाएं। कोहनियां थोड़ी मुड़ी हुई रखें।

फायदा: यह पीठ को मजबूत करता है, फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है, शरीर में स्फूर्ति लाता है और रीढ़ की लचीलापन बढ़ाता है।

5) अर्धचक्रासन (1 मिनट)

विधि: सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को कमर पर रखें। सांस लेते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें। सिर को भी थोड़ा पीछे ले जाएं।

फायदा: यह थकान दूर करता है और रीढ़ को लचीला बनाता है। छाती को चौड़ा करता है और बैठने की खराब मुद्रा को सुधारता है।

6) कपालभाति (2 मिनट)

विधि: रीढ़ को सीधा रखकर सुखासन या पद्मासन में बैठें। नाक से ज़ोर से सांस बाहर छोड़ें और साथ में पेट को अंदर की ओर खींचें। पेट अपने आप वापस सामान्य स्थिति में आ जाएगा। इस प्रक्रिया को नियमित रूप से दोहराएं।

फायदा: यह शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और ऊर्जा प्रदान करता है। पेट की चर्बी कम करने, पाचन सुधारने और मन को साफ़ व सक्रिय रखने में मदद करता है।

7) ताड़ासन (2 मिनट)

विधि: सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और पूरे शरीर को उंगलियों तक खींचें। एड़ियों को ऊपर उठाएं और शरीर का पूरा भार पंजों पर लाएं। दृष्टि को सामने केंद्रित रखें।

फायदा: यह आसन फेफड़ों को मजबूत करता है और एकाग्रता बढ़ाता है। शरीर का संतुलन सुधरता है और मांसपेशियों में खिंचाव लाकर उन्हें मजबूत बनाता है।

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